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राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन

राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन।
सादगी की प्रतिमूर्ति, राजमाता जी ने राजसी जीवन का त्याग कर संगठन के प्रति समर्पण का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। आपातकाल के दौरान उनके साहस और संघर्ष ने लोकतंत्र की पुनर्स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
राजमाता सिंधिया जी की देश के प्रति निष्ठा और जनकल्याण के कार्यों को देश सदैव याद रखेगा।
राष्ट्रसेवा, त्याग और समपर्ण की प्रतिमूर्ति राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी की जयंती पर उन्हें कोटिश: नमन।
राज परिवार में जन्म लेने के बावजूद उन्होंने भौतिक सुखों का परित्याग करके देश और जनता की सेवा के लिए संघर्ष पथ अपनाया था।
आपातकाल में लोकतंत्र की रक्षा के लिए उनका कृतित्व अविस्मरणीय है। समाज के प्रत्येक वर्ग के उत्थान हेतु उनका संकल्पित जीवन हम सभी के लिए प्रेरणापुंज है।
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